अर्ध-नारीश्वर पिज्जा!

आवश्यकता ही नहीं कई बार मजबूरी भी आविष्कार की जननी होती है और यहां प्रस्तुत अर्धनारीश्वर पिज्जा के पीछे भी ऐसी ही एक मजबूरी है.
एक हिस्से में आप चीज को पिघलते देख रहे होंगे, जबकि दूसरे हिस्से में सूखे की मार पड़ी लगेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि मुझे किसी ‘चीज’ से परहेज नहीं है.
आप देखेंगे कि शिमला मिर्च भी एक ही तरफ है – बेल पेपर येलो. दूसरी तरफ जो है बताने की जरूरत नहीं लगती.
दरअसल, मेरी मैम को हरी मिर्च पसंद है, शिमला मिर्च नहीं!
बाकी तो जो है सो हइये है – थोड़ा लिखे को भी ज्यादा ही समझें-बूझें!
सादर, सप्रेम और सविनय डाउनलोडार्थ, दूर-दर्शनार्थ और फीडबैकार्थ!
ये ग़ज़ब है👌